अम्ब, अहं क्रीडितुं गच्छामि। | | Mother, I am going out for playing. |
शीघ्रं प्रत्यागच्छतु। | | Come back quickly. |
बहु विलम्बेन मा आगच्छतु। | | Don’t be too late. |
पितः, अत्र भवतः हस्ताङ्कनम् आवश्यकम्। | | Father, your signature is necessary here. |
तत् अत्र आनयतु। | | Bring it here. |
भवता बहु एव न्यूनाः अङ्काः प्राप्ताः एतस्यां परीक्षायाम्। | | You’ve scored very low marks in this examination. |
शिक्षकः सम्यक् न पाठयति एव। | | The teacher does not teach well. |
भवान् मां पूर्वं किमर्थं न उक्तवान्? | | Why didn’t you tell me earlier? |
किम् अभवत्? किमर्थं रोदनम्? | | What happened? Why do you cry? |
एषः सोपानतः पतितवान्। | | He fell from the staircase. |
अम्ब, अत्र वेदना भवति। | | Mother, it’s paining here. |
आगच्छतु, औषधं लेपयामि। | | Come, I will apply some medicine. |
गत्वा शयनं करोतु। | | Go to bed now. |
एतानि वस्त्राणि परिवर्तयतु। | | Change these clothes. |
अम्ब, मम समवस्त्रं कुत्र अस्ति? | | Mother where is my uniform? |
कपाटिकायां पश्यतु। | | See in the cupboard. |
पितः, मम कृते एतादृशं क्रीडनकम् आवश्यकम्। | | Father, I want a toy like this. |
अस्तु, पश्यामः। | | Okey. We will see. |
अम्ब, वेणीबन्धं करोतु, शालायाः विलम्बः भवति। | | Mother plait my hair, it’s getting late for school. |
स्नानं कृतवान् किम्? | | Did you take bath? |
हस्तौ सम्यक् प्रक्षालयतु। | | Wash your hands properly. |
प्रथमं शिरोमार्जनं करोतु। | | First dry your hair. |
आर्द्रवस्त्रं मा धरतु। | | Don’t wear wet clothes. |
युतकस्य कुड्मान् योजयतु। | | Button up your shirt. |
गृहपाठः समाप्तः किम्? | | Have you finished your homework? |
तर्हि प्रथमं गृहपाठं समापयतु। | | Then first finish your homework. |
भोजनसमये आह्वयामि, गच्छतु इदानीम्। | | Go now, I shall call you when it’s time to eat. |
अम्ब, अद्य विद्यालये किम् अभवत् जानाति किम्? | | Mother do you know what happened in school today? |
वदतु भवती। | | You tell me. |
शालास्यूतं स्वस्थाने स्थापयतु। | | Keep the school bag at it’s place. |
भवान् उत्तमः बालः। | | You are a good boy. |
भवान् एतावत् पर्यन्तं कुत्र आसीत्? | | Where were you till now? |
अत्रैव आसम्। | | I was very much here. |
मित्रेण सह गतवान् आसम्। | | I had gone with my friend. |
अध्ययनं किमपि नास्ति किम्? | | Don’t you have anything to study? |
परीक्षारम्भः कदा? | | When does the examination begin? |
पितः, मम एकं नूतनं युतकम् आवश्यकम्। | | Father, I want a new shirt. |
गतसप्ताहे एकं क्रीतवान् खलु। | | You bought one in the last week, didn’t you? |
निखिल, आपणतः कतिचन वस्तूनि आनयति किम्? | | Nikhil, will you bring a few things from the shop? |
वस्तूनि स्वस्थाने स्थापनीयानि इति कतिवारम् उक्तवती? | | How many times did I tell you to keep things in their respective places? |
अद्य महाविद्यालयं न गच्छति किम्? | | Are you not going to college today? |
न, अद्य सर्वे मिलित्वा विजयस्य गृहं गच्छामः। | | No, today we are all going to vijay’s home. |
किं निमित्तम्? | | For what purpose? |
परीक्षायां तस्य प्रथमक्रमाङ्कः आगतः अतः सहभोजनम् अस्ति। | | He stood first in the examination so there’s a get–together. |
अम्ब, मम सख्याः दूरभाषा आगता आसीत् किम्? | | Mother did my friend ring me up? |
न, अद्य कस्यापि दूरभाषा न आसीत्। | | No, nobody telephoned today. |
रजकः वस्त्राणि नीतवान् किम्? | | Did the washerman take away the clothes? |
वस्त्राणि शुष्कयितुं प्रसारयतु। अद्यतन दिनपत्रिका कुत्र अस्ति? | | Spread out the clothes to dry. Where is today's newspaper? |
पितरम् एकवारम् आह्वयतु। | | Call father once. |
एतत् शाकं कर्तयति किम्? | | Will you cut this vegetable? |
कृपया एतत् क्षिपतु। | | Please throw this away. |
एकम् आसन्दम् आनयति किम्? | | Will you bring a chair? |
एतत् किञ्चित् कालं गृह्णातु। | | Hold this for a little while. |
दीपं ज्वालयतु। | | Switch on the light. |
दीपं निर्वापयतु। | | Switch off the light. |
कोलाहलं मा करोतु। | | Don’t make noise. |
द्वारे कः अस्ति इति पश्यति किम्? | | Will you see who is at the door? |
सन्ध्या आगतवती, द्वारम् उद्घाटयतु। | | Sandhya has come, open the door. |
अहं महाविद्यालयं गच्छामि। | | I am going to college. |
यानं वेगेन मा चालयतु। | | Don’t drive the vehicle too fast. |
पितः, श्र्वः तत्र गमिष्यामः किम्? | | Father, shall we go there tomorrow? |
तद्विषये मातरं पृच्छतु। | | Ask mother about it. |
भवान् किं कुर्वन् अस्ति? | | What are you doing? |
भवती अत्रैव उपविशतु। | | You sit here. |
मम प्रत्यागमनपर्यन्तम् अत्रैव प्रतीक्षां करोतु। | | Wait here till I return. |
भवान् जलदेयकं पूरयितुं गच्छति किम्? | | Will you go to pay the water bill? |
मह्यं धनं ददातु। | | Give me money. |
एतावत् न पर्याप्तम्। | | This much is not enough. |
पितः, अद्य परीक्षाशुल्कं दातव्यम् अस्ति। | | Father, today I have to pay exam fees. |
द्वारं पिदधातु। (द्वारपिधानं करोतु।) | | Close the door please. |
अवहितमनसा करणीयम्। | | Do it sincerely. |
श्रद्धया करणीयम्। | | It should be done with dedication. |
इतः परम् एवं न कर्तव्यम्। | | Hereafter don’t act like this. |
भवान् वृथा कालहरणं करोति। | | You are wasting time. |
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति
(c) २०००-२०२२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि। भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.html , http://www.geocities.com/ggajendra आदि लिंकपर आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha 258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/ भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै। इंटरनेटपर मैथिलीक पहिल उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि, जे http://www.videha.co.in/ पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA
(c)२०००-२०२२. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। सह-सम्पादक: डॉ उमेश मंडल। सहायक सम्पादक: राम विलास साहु, नन्द विलास राय, सन्दीप कुमार साफी आ मुन्नाजी (मनोज कुमार कर्ण)। सम्पादक- नाटक-रंगमंच-चलचित्र- बेचन ठाकुर। सम्पादक- सूचना-सम्पर्क-समाद- पूनम मंडल। सम्पादक -स्त्री कोना- इरा मल्लिक।
रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) editorial.staff.videha@gmail.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकै छथि। एतऽ प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि,'विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका मात्र एकर प्रथम प्रकाशनक/ प्रिंट-वेब आर्काइवक/ आर्काइवक अनुवादक आ आर्काइवक ई-प्रकाशन/ प्रिंट-प्रकाशनक अधिकार ऐ ई-पत्रिकाकेँ छै, आ से हानि-लाभ रहित आधारपर छै आ तैँ ऐ लेल कोनो रॊयल्टीक/ पारिश्रमिकक प्रावधान नै छै। तेँ रॉयल्टीक/ पारिश्रमिकक इच्छुक विदेहसँ नै जुड़थि, से आग्रह। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।
स्थायी स्तम्भ जेना मिथिला-रत्न, मिथिलाक खोज, विदेह पेटार आ सूचना-संपर्क-अन्वेषण सभ अंकमे समान अछि, ताहि हेतु ई सभ स्तम्भ सभ अंकमे नइ देल जाइत अछि, ई सभ स्तम्भ देखबा लेल क्लिक करू नीचाँ देल विदेहक 346म आ 347 म अंक, ऐ दुनू अंकमे सम्मिलित रूपेँ ई सभ स्तम्भ देल गेल अछि।
“विदेह” ई-पत्रिका: देवनागरी वर्सन |
“विदेह” ई-पत्रिका: मिथिलाक्षर वर्सन |
“विदेह” ई-पत्रिका: मैथिली-IPA वर्सन |
“विदेह” ई-पत्रिका: मैथिली-ब्रेल वर्सन |
गुरुवार, 4 नवंबर 2010
संस्कृत शिक्षा च मैथिली शिक्षा च- ३२
ब्लॉग् संस्कृते अपि
-
जितं सर्वं जिते रसे - इन्द्रियाणि जयन्त्याशु निराहारा मनीषिणः।वर्जयित्वा तु रसनं तन्निरन्नस्य वर्धते ॥२०॥तावज्जितेन्द्रियो न स्याद् विजितान्येन्द्रियः पुमान् ।न जयेद् रसनं यावज्...4 हफ़्ते पहले
-
-
अत्यन्ताभावः (Absolute non-existence) - ज्ञानसे ही आत्मसाक्षात्कार होता है और फिर उसकी दृष्टिमें संसार और संसारबन्धनका अत्यन्ताभाव होकर सर्वत्र अशेष-विशेष-शून्य एक अखण्ड चिदानन्दघन सत्ता ही रह जा...2 महीने पहले
-
heap1a - On 9feb2020, at 12.10am, Parameswaranji left his body. I may have met him twice or thrice of which a one-on-one discussion may have happened only once, h...5 वर्ष पहले
-
Sanskrit Quote for Dr. Surendra Janjire - anayasena maranam vina dainyena jeevanam dehaante tawa saannidhyam dehi me paramwshwara = अनासायेन मरणं विना दैन्येन जीवनम्। देहांते तव सान्निध्यं देहि मे प...5 वर्ष पहले
-
This blog has moved permanently. - This blog has now moved to http://aupasana.com/blogs/sanskrit.html. kalidasa.blogspot.com will no longer be updated.9 वर्ष पहले
-
अर्धनारीश्वराष्टकम् - ॥अथ अर्धनारीश्वराष्टकम्॥ अम्भोधरश्यामलकुन्तलायै तटितप्रभाताम्रजटाधराय। निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नमः शिवायै च नमः शिवाय॥१॥ प्रदीप्तरत्नोज्ज्वलकुण्डलायै स्फु...10 वर्ष पहले
-
-
काव्यानां प्रभेदाः, भासपरिचयश्च - मम भाषावर्गे अधुना भासरचितं मध्यमव्यायोगं पठितुम् उद्युक्ताः स्मः । तदर्थं पीठिकारूपेण मया किञ्चित् presentation सज्जीकृतम् । तदत्र स्थाप्यते । P.S. एतस्मि...14 वर्ष पहले
-
संस्कृत शिक्षा च मैथिली शिक्षा च- ३२ - संस्कृत शिक्षा च मैथिली शिक्षा च- ३२ (मैथिली भाषा जगज्जननी सीतायाः भाषा आसीत् - हनुमन्तः उक्तवान- मानुषीमिह संस्कृताम्) -गजेन्द्र ठक्कुरः (आगाँ) ACKNOWLE...14 वर्ष पहले
-
किम् अभवत् ? - This blog was started as a practice ground before and during vishvavani launch in 2007 . Now that vv has been the focus, there are no updates on this blog ...15 वर्ष पहले
-
Recent issues - Hello all, Due to time constraints of the editors, we have not been posting the latest issues on this blog. However, the recent issues are available in pdf...15 वर्ष पहले
-
संस्कृतशिक्षणम्- गजेन्द्र ठक्कुरः - संस्कृत शिक्षा संस्कृत भाषा शिक्षणे भवताम् सर्वेषाम हार्दम स्वागतम्। नमो नमः। संस्कृतम् अत्यंतम् सरला भाषा। संस्कृते संभाषणम् इतोपि सरलम्। वयम सर्वे अपि स्...15 वर्ष पहले
-
पाठ 45 – तिङन्ते भ्वादयः - अत सातत्य गमने 443 अत आदेः 7.4.70 अनुवृत्तिः दीर्घः, लिटि, अभ्यासस्य, अङ्गस्य अर्थः अभ्यासस्यादेरकारस्य दीर्घो भ...16 वर्ष पहले
-
-
-
-
-
-
पश्यंतु ।ACKNOWLEDGEMENTS: chamu krishna shashtry, janardan hegde, vinayak hegde, sudhishtha kumar
विदेह फाइल
विदेह ई-पत्रिका ई पत्र द्वारा : Videha RSS Feed
विदेहक नव अंक ई पब्लिश भऽ गेल अछि। एहि हेतु लॉग ऑन करू- http://www.videha.co.in/
Home विदेह नूतन अंक संपादकीय संदेश
विदेह नूतन अंक गद्य विदेह नूतन अंक पद्य
विदेह नूतन अंक मिथिला कला संगीत
विदेह नूतन अंक गद्य-पद्य भारती
विदेह नूतन अंक बालानां कृते विदेह नूतन अंक भाषापाक रचना लेखन VIDEHA NON RESIDENT MAITHILS VIDEHA MAITHILI SAMSKRIT TUTOR VIDEHA ARCHIVE
Videha ejournal all the old issues in Tirhuta and Devanagari versions
विदेह मिथिला रत्न
विदेह मिथिलाक खोज विदेह सूचना संपर्क अन्वेषण
विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक तिरहुता आ देवनागरी दुनू रूपमे
(c)२००४-०९.सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतय लेखकक नाम नहि अछि ततय संपादकाधीन।
'विदेह' (पाक्षिक) संपादक- गजेन्द्र ठाकुर। एतय प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि, मात्र एकर प्रथम प्रकाशनक/आर्काइवक/अंग्रेजी-संस्कृत अनुवादक ई-प्रकाशन/ आर्काइवक अधिकार एहि ई पत्रिकाकेँ छैक। रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) ggajendra@yahoo.co.in आकि ggajendra@videha.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकैत छथि। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत। ’विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका अछि आ एहिमे मैथिली, संस्कृत आ अंग्रेजीमे मिथिला आ मैथिलीसँ संबंधित रचना प्रकाशित कएल जाइत अछि। एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक 1 आ 15 तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।
विदेहक पुरान अंक आ ऑडियो/ वीडियो/ पोथी/ चित्रकला/ फोटो सभक फाइल सभ (उच्चारण, बड़ सुख सार आ दूर्वाक्षत मंत्र सहित) डाउनलोड करबाक हेतु नीचाँक लिंक पर जाऊ।
विदेह आर्काइव
गौरी-शंकरक पालवंश कालक मूर्त्ति, एहिमे मिथिलाक्षरमे (1200 वर्ष पूर्वक) अभिलेख अंकित अछि। मिथिलाक भारत आ नेपालक माटिमे पसरल एहि तरहक अन्यान्य प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्र, अभिलेख आ मूर्त्तिकलाक़ हेतु देखू स्तंभ 'मिथिलाक खोज'।
भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी कवि, नाटककार आ धर्मशास्त्री विद्यापतिक स्टाम्प।मिथिलाक रत्न लोकनिक चित्र 'मिथिला रत्न' स्तंभमे देखू।
Videha Ist Maithili Language Fortnightly e Journal at http://www.videha.co.in/
विदेह ई-पत्रिकाक सभटा पुरान अंक ब्रेल, तिरहुता आ देवनागरी रूपमे
Videha ejournal all the old issues in Braille, Tirhuta and Devanagari versions
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें